राष्ट्रवाद का पैमाना : फणीश्वरनाथ रेणु जो बेहिचक भारत माता के साथ नेपाल को भी अपनी माँ बोलता था।

  Shubhneet Kaushik “मैला आँचल” के अप्रतिम रचनाकार रेणु को याद करते हुए आज “मैला आँचल” और “परती परिकथा” सरीखी

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जब रेणु ने कहा : 'पद्मश्री' सम्मान अब मेरे लिए 'पापश्री' बन गया है।

मुहम्मद दानिश 4 मार्च 1921 को देशज अस्मिता और लोकजीवन के महान रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्म औराही हिंगना,अररिया बिहार

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