जब एक मुग़ल शहज़ादी के क़ौल पर हिंदू राजपूतों ने अपनी जान लड़ा दी।
“अस्मत ए चागताई वा राजपुत यक अस्त।” साल था 1682 यही कोई जून जुलाई का महीना रहा होगा। बादशाह औरंगज़ेब
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Read moreजब बिहार मे 1857 की क्रांति की बात होती है तो सिर्फ़ ‘बाबू कुंवर सिंह’ का नाम लिया जाता है..
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