स्वामी विवेकानंद की जयंती पर

Shubhneet Kaushik “उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत”, स्वामी विवेकानंद का प्रिय उपनिषद-वाक्य था। जिसमें बोध/ज्ञान प्राप्त करने के लिए जाग्रत होने

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