बस यूँहीं मजाज़ मेरे पास से उठकर चले जाते हैं और मजाज़ को पैदाइश की मुबारकबाद अनसुनी रह जाती है…
हफ़ीज़ किदवई दो नाम कहें या दो दौर कहें, या एक दौर की दो नुमाइश कहें, मजाज़ और मंटो। इनके
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