जिगर मुरादाबादी :- कहते हैं, सबब रुस्वाई का होती है मैकशी, जिगर को मैकशी ने मगर मुम्ताज़ कर दिया।
आलम क़ुरैशी जिगर मुरादाबादी, एक एैसे शायर, जिन्होंने हुस्न को टूटकर चाहा, जी जोड़ मुहब्बत की और जब ख़ुद
Read moreआलम क़ुरैशी जिगर मुरादाबादी, एक एैसे शायर, जिन्होंने हुस्न को टूटकर चाहा, जी जोड़ मुहब्बत की और जब ख़ुद
Read moreअजमेर मे नात का मुशायरा था, लिस्ट बनाने वालों के सामने मुशकिल ये थी के “जिगर मुरादाबादी” साहब को इस
Read more