प्रेमचंद और किसान आंदोलन
प्रेमचंद की रचना की भाषा किसान-चेतना और संघर्ष की भाषा है। उन्हें समझौते की भाषा में तनिक विश्वास न
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Read moreबिहार में किसान आंदोलन की एक समृद्ध परंपरा रही है। चंपारण का सन् 1917 का किसान आंदोलन इसी की
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