डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद : भारत में दंत चिकित्सा के जनक


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भारत में 19वीं सदी के दौरान दंत चिकित्सा में क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ था. पहली बार वर्ष 1920 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम के विषयों के रूप में दंत चिकित्सा को आरंभ किया गया. वो भी तब जब अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ लोवा से डेंटल डिग्री लेकर लौटे डॉ रफ़ीउद्दीन अहमद ने भारत में पहला डेंटल कॉलेज खोला.

वर्ष 1920 भारत में दंत चिकित्सा शिक्षा में हमारी प्रगति का पहला मील का पत्थर बना। इस वर्ष चिकित्सा विज्ञान की एक अलग शाखा के रूप में दंत शिक्षा को व्यवस्थित करने के लिए पहला ठोस कदम उठाया गया; जब कलकत्ता में डॉ.रफीउद्दीन अहमद द्वारा पहला पूर्ण स्वायत्त डेंटल कॉलेज स्थापित किया गया.

The Calcutta Dental College & Hospital (IDA)

डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद का जन्म 8 दिसम्बर 1890 को बंगाल के बर्द्धनपारा में हुआ था, ढाका मदरसा में शुरुआती तालीम हासिल करने के लिये दाख़िला लिया, 1906 में 16 साल की उम्र में वहाँ से पढ़ाई मुकम्मल कर सिंगापुर और हॉन्ग कांग का दौरा किया, फिर घर वालों ने अलीगढ भेज दिया, 1908 में वहां से ग्रेजुएशन कर 1909 कलकत्ता से बम्बई के रास्ते इंग्लैंड होते हुवे अमेरिका गए, वहीं के यूनिवर्सिटी ऑफ़ लोवा से 1915 में डीडीएस की डिग्री हासिल की. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1918 तक बोस्टन में अपनी सेवाएं दी; फिर 1919 में वापस भारत आ गए.

Dr. Rafiuddin Ahmed Graduation Picture (IDA)

पहले तो कलकत्ता में ख़ुद की क्लिनिक खोलने का इरादा था, पर भारत में दंत चिकित्सा का बहुत बुरा हाल था, जिसने 30 साल के रफ़ीउद्दीन को बहुत परेशान किया, जिसके बाद उन्होंने 6 मार्च 1920 को एक डेंटल कॉलेज की स्थापना कलकत्ता में की, जिसका नाम ‘कलकत्ता डेंटल कॉलेज’ रखा. ये भारत में खुलने वाला पहला डेंटल कॉलेज था. कॉलेज स्थापित करने में न्यू यॉर्क सोडा फाउंटेन ने भरपूर मदद की. 1920 से 1923 के बीच मात्र 13 बच्चे थे, जिसमे एक फ़ातिमा जिन्ना भी थीं, जो ब्रिटिश इंडिया की पहली महिला डेंटिस्ट बनीं. कुछ डेडिकेटेड शिक्षक के साथ ख़ुद डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने शिक्षक की हैसियत से पढ़ाना शुरू किया. डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद की मेहनत की वजह कर 1928 तक ये डेंटल कॉलेज भारत के बेहतरीन कॉलेज में से एक था. इसी साल 1928 में डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने डेंटल छात्रों के लिए ऑपरेटिव डेंटिस्ट्री पर पहला हैंडबुक लिखा.

The Calcutta Dental College New Building (IDA)

इसके साथ डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने सियासत में हिस्सा लेना शुरू किया, 1932-36 में कलकत्ता कारपोरेशन के कॉउंसलर चुने गए. सियासत का भरपूर फ़ायदा डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने डेंटल कॉलेज के साथ डेंटिस्ट्री के फ़िल्ड को दिया, 1936 में कलकत्ता डेंटल कॉलेज का स्टेट मेडिकल फैकल्टी से जुड़ना हो, या फिर 1939 में बंगाल डेंटल एक्ट की बुनियाद हो, इनमे रफ़ीउद्दीन अहमद का अहम् रोल था, इसी एक्ट ने इंडियन डेंटल एक्ट को 1948 में पास करवाने में अहम् रोल अदा किया. डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद की कोशिश की वजह कर 1949 में कलकत्ता डेंटल कॉलेज, कलकत्ता यूनिवर्सिटी का हिस्सा बना. इसी साल डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने कलकत्ता डेंटल कॉलेज बंगाल सरकार को दान कर दिया, डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद 1920 से 1950 तक कलकत्ता डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे, जिस दौरान कालेज ने बहुत नाम कमाया.

Dr. Rafiuddin Ahmed receiving Forestry Award 1953 (IDA)

डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने 1925 में भारत का पहला डेंटल जर्नल निकालना शुरू किया, और 1946 तक ख़ुद उसके एडिटर रहे. इसी साल 1925 में बंगाल डेंटल एसोसिएशन कि बुनियाद डाली जो 1928 के बाद से इंडियन डेंटल एसोसिएशन के नाम से जाना गया. डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद 1945 से 1949 के बीच तीन बार इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हुवे. डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद चुनाव द्वारा भारतीय डेंटल कौंसिल के अध्यक्ष बनने वाले पहले इंसान थे, इस पद पर 1954 से 1958 तक रहे.

Dr. Rafiuddin Ahmed at Dental Council of India Meeting (IDA)

1932 से 1944 तक कलकत्ता नगर निगम के सदस्य और एल्डरमैन रहे डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद ने आज़ाद भारत में मंत्रीपद भी संभाला. 1962 में बंगाल सरकार में क़ृषि विभाग के इलावा सहयोग, राहत एवं पुनर्वास मंत्रालय का ओहदा संभाला.

  Dr. Rafiuddin Ahmed becomes Minsiter of West Bengal – Swearing in Ceremony (IDA)

1947 में डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ़ डेंटिस्ट के फ़ेलोशिप से नवाज़े गए, 1949 में रॉयल कॉलेज ऑफ़ सर्जन, इंग्लैंड, और पेरी फ़ौकार्ड अकेडमी से भी फ़ेलोशिप मिला. 1953 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद को फ़ारेस्ट्री अवार्ड से नवाज़ा, 1964 में भारत सरकार ने पद्मभूषण से नवाज़ा, ये अवार्ड पाने वाले डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद पहले डेंटिस्ट थे.

Dr. Rafiuddin Ahmed Grave at Park Circus Calcutta (IDA)

न्ही सब वजह कर डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद को भारत में डेंटिस्ट्री के जनक के तौर पर जाना जाता है. इन्हें दंत चिकित्सा का ग्रैंड ओल्ड मैन माना जाता है. इसलिए, डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद और उनके कारनामे को याद रखते हुवे हर साल 6 मार्च को भारत में डेंटिस्ट्स डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद का निधन 9 फ़रवरी 1965 को हुआ, उन्हें कलकत्ता के पार्क सर्कस क़ब्रिस्तान में दफ़न कर दिया गया.

डॉक्टर रफ़ीउद्दीन अहमद पर लिखे अंग्रेज़ी लेख का तर्जुमा मुहम्मद उमर अशरफ़ ने किया है.


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Dr. Zareen Fatima https://instagram.com/dr.zareenfatima

Dr Zareen is an ambitious general dentist working and residing in UAE. She is able to handle multiple tasks on a daily basis. Alongside her busy work schedule, she is a vivid reader, researcher, writer editor and is currently pursuing Masters in Public Health. In her leisure she brings out the forgotten history in the field of medicine and associated disciplines.