फ़िल्म इंडस्ट्री के पहले एैंटी हीरो थे अशोक कुमार
गोपाल राठी
हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता अशोक कुमार की छवि भले ही एक सदाबहार अभिनेता की रही है लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि वह फिल्म इंडस्ट्री के पहले ऐसे अभिनेता हुए जिन्होंने एैंटी हीरो की भूमिका भी निभाई थी।
#AshokKumar (13 October 1911 – 10 December 2001), born #KumudlalGanguly, and also fondly called #Dadamoni, was an Indian film actor who attained iconic status in Indian cinema. He was honoured in 1988 with the #DadasahebPhalkeAward, the highest national award for cinema artists. pic.twitter.com/1BBN1t3z3r
— Heritage Times (@HeritageTimesIN) October 13, 2018
पिछली शताब्दी के चालीस के दशक में अभिनेताओं की छवि परंपरागत अभिनेता की होती थी जो रूमानी और साफ सुथरी भूमिका किया करते थे। अशोक कुमार फिल्म इंडस्ट्री के पहले ऐसे अभिनेता हुए जिन्होंने अभिनेताओं की परंपरागत शैली को तोड़ते हुये फिल्म किस्मत. में ऐंटी हीरो की भूमिका निभाई थी।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सर्वाधिक कामयाब फिल्मों में बांबे टॉकीज की वर्ष 1943 में निर्मित फिल्म ..किस्मत ..में अशोक कुमार ने एंट्री हीरो की भूमिका निभायी थी1 इस फिल्म ने कलकत्ता के ..चित्रा..थियेटर सिनेमा हॉल में लगातार 196 सप्ताह तक चलने का रिकार्ड बनाया l
Ashok Kumar paying tributes to tragedy queen Meena Kumari by garlanding her pic from movie Dushman. They worked together in movies like Bahu Begum, Baadbaan, Parineeta, Pakeezah, Bheegi Raat, Ek Hi Rasta, Aarti…#AshokKumar #MeenaKumari pic.twitter.com/oSy1ACZxz7
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हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री मे दादा मुनि के नाम से मशहूर कुमुद कुमार गांगुली उर्फ अशोक कुमार का जन्म 13 अक्तूबर 1911 को एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। अशोक कुमार हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता-निर्देशक थे। अशोक कुमार को सन् 1999 में भारत सरकार ने कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। हिन्दी सिनेमा के युगपुरुष अशोक कुमार को ऐसे अभिनेता के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने उस समय प्रचलित थियेटर शैली को समाप्त कर अभिनय को स्वाभाविकता प्रदान की और छह दशकों तक अपने बेहतरीन काम से सिनेप्रेमियों को रोमांचित किया। अशोक कुमार ने 300 से ज़्यादा फ़िल्मों में अभिनय किया।
अशोक कुमार ने बाद के जीवन में चरित्र अभिनेता की भूमिकाएँ निभानी शुरू कर दी थीं। इन भूमिकाओं में भी अशोक कुमार ने जीवंत अभिनय किया।
Great iconic actor of Bollywood who played lead, negative & character roles with equal ease, #AshokKumar With @TheDilipKumar (Deedar)#RajendraKumar (Kanoon)@aapkadharam (Akashdeep)#DevAnand (Jewel Thief)@GangulyAmitK #DilipKumar pic.twitter.com/F78EKZiQVw
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अशोक कुमार गंभीर ही नहीं हास्य अभिनय में भी महारथ रखते थे। विक्टोरिया नंबर 203 फ़िल्म हो या शौक़ीन, अशोक कुमार ने हर किरदार में कुछ नया पैदा करने का प्रयास किया। उम्र बढ़ने के साथ ही उन्होंने सहायक और चरित्र अभिनेता का किरदार निभाना शुरू कर दिया लेकिन उनके अभिनय की ताजगी क़ायम रही। ऐसी फ़िल्मों में क़ानून, चलती का नाम गाड़ी, छोटी सी बात, मिली, ख़ूबसूरत, गुमराह, एक ही रास्ता, बंदिनी, ममता आदि शामिल हैं। उन्होंने विलेन की भी भूमिका की। देव आनंद की ज्वैल थीफ़ में उन्होंने विलेन की भूमिका की थी।
क़रीब छह दशक तक बेमिसाल अभिनय से दर्शकों को रोमांचित करने वाले दादामुनी अशोक कुमार का जन्म 13 अक्टूबर को हुआ था l 10 दिसंबर 2001 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।