अलविदा प्रोफ़ेसर मुशीरूल हसन :- नहीं रहे प्रसिद्ध इतिहासकार और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति
जाने-माने इतिहासकार और जामिया के पूर्व वाइस-चांसलर पद्मश्री मुशीरुल हसन का 69 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 15 अगस्त 1949 को जन्मे मुशीरुल हसन ने सोमवार की सुबह अंतिम सांस ली। उन्होंने भारत के विभाजन और दक्षिण-एशिया में इस्लाम के इतिहास पर बड़े पैमाने पर लिखा। मुशीरुल हसन साल 1992-96 जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उप-कुलपति और बाद में साल 2004-09 तक कुलपति रहे। उन्हें उल्लेखनीय कामों के लिए पद्मश्री समेत कई अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
मुशीरुल हसन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के उपाध्यक्ष के साथ-साथ ईरान स्थित दूतावास में इंडो-ईरान सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष और 2002 में भारतीय इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके थे।
अलग अलग दल के नेता उन्हे श्रधांजली दी वहीं पत्रकार रवीश कुमार ने अपने फ़ेसबुक वाल पर लिखते हैं अलविदा प्रोफ़ेसर मुशीरूल हसन
एक ज़माना था मुशीरूल हसन साहब का। उन्हें सुनने के लिए भीड़ लगती थी। उनका लिखा अंडरलाइन कर पढ़ा जाता था। उनकी किताबें लाँच होती थीं। ख़बरें बनती थी। टीवी की बहस बग़ैर मुशीर साहब के कहाँ पूरी होती थी। अख़बार और जर्नल उनके लेख से भरे रहते थे। एक दुर्घटना के बहाने ज़िंदगी उन्हें पर्दे के पीछे ले गई। ज़माने तक उनका लिखा पढ़ने को नहीं मिला। लोग भूलने लगे। आज सुबह वे इस दुनिया को ही छोड़ गए। मगर जो लिख कर गए हैं उससे एक आलमारी भर जाए। आधुनिक भारत के बड़े और क़ाबिल इतिहासकारों में से रहे हैं। एक शानदार इतिहासकार हमारे बीच से गया है। अपने विषय के इस क़द्दावर शख़्स को अलविदा। काफ़ी कुछ सीखा। जाना। उसके लिए आभार। कुछ किताबों की सूची है जिससे पता चलेगा कि कोई हवा में मुशीरूल हसन नहीं बनता है। वह बनता किताबों के बीच।
- From Ghalib Dilli to Lutyen’s New Delhi
- Islam and India Nationalism
- Sarojini Naidu: Her way with words
- From Pluralism to Separatism : Qasba in Colonial Awadh
- Exploring the west: Three travel narratives
- Partners in Freedom Jamia Millia Islamia
- Image and Representation: stories of muslims lives in India
- Knowledge Power and Politics
- Moderate and Militant: images of India’s Muslims
- Journey to the holy land: A pilgrims Diary
- Islam pluralism Nationhood: Legacy of Maulana Azad
- Wit and Wisdom: pickings from Parsee punch
- Faith and Freedom: Gandhi in History
- The Nehrus: Personal Histories
- India’s partition: process, strategy and mobilisation
- Wit and Humour
- Roads to Freedom: Prisoners in Colonial India
- Legacy of a Divided Nation
- When stone walls cry: The Nehrus in Prison
- memories of a fragmented Nation